उस दिन अगर वह घटना नही घटी होती..........एक बहुत बडे इतिहास से यह भूमी वंचित रह जाती।इस देश के नायक प्रभू राम चंद्र नही,और कोई होते।श्रीराम, सिताजीऔर लक्ष्मण यहां पंचवटी(नाशिक) के दंडकारण्य मे आये और यहां के परिवेश ने एक नये धनुर्धारी राम को जन्म दिया।नाशिक की इस भूमी ने रामायण के बहाने भारत को एक नया चरित्रनायक दिया। आजतक आपने तुलसी के आराध्य राम को देखा, अयोध्या के राजा राम को देखा, लेकीन यह पंचवटी का राम आम आदमी का राम है। आईए ! उस राम से आपको रु-ब-रु कराने के लिये प्रस्तुत है मन के भावो से उमडी यह रोमांचक गाथा "पंचवटी के राम"
विशेष पुरस्कार प्राप्त :-
१. अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिताओ में विविध विषयोपर लिखे निबधो के लिये प्रथम पुरस्कार प्राप्त..
२. मराठी काव्यसंग्रह सांजवात को राज्यस्तरीय पुरस्कार
३. पर्यावरणीय कृती वणिताओ कि फरियादे को भारत सरकार के पर्यावरण और वनविभाग मंत्रालय कि ओर से दिया से जाणवले 'मेदिनी' पुरस्कार प्राप्त.
४. मध्यभारत और अन्य राज्योमे साहित्यसेवाओ के लिये "राष्ट्रीय छत्रपती संभाजी साहित्यगौरव पुरस्कार " प्राप्त ...
प्रभू श्रीराम कि अद्भुत गाथा कि बुक आपके लिये अल्प्य किंमत उपलब्ध किया है .. जरूर पढना और अपने परिवार जानोको भी इस दिव्या सफर कि अनुभूती करावो.. राम सिया राम जय जय राम .. लेखक : संजीव अहिरे